सोनभद्र। जिले की आशा एवं आशा संगिनी फैसिलिटेटर बहनों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए नियमित मानदेय, राज्य कर्मचारी का दर्जा और सभी लंबित भुगतानों के शीघ्र निस्तारण की माँग की। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2006 से अब तक, यानी 18 वर्षों से, आशा और संगिनी फैसिलिटेटर बहनें लगातार स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करती आ रही हैं। उन्होंने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, पोलियो मुक्त भारत बनाने और कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान अपने जीवन की परवाह किए बिना सेवा देने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। फिर भी ज्ञापन के अनुसार शासन-प्रशासन द्वारा आशा बहनों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की आशाओं को अब तक निश्चित वेतन, टीए-डीए और सभी कार्यों पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। आशा कार्यकत्रियों की मुख्य माँगें सभी आशा एवं संगिनी फैसिलिटेटर को नियमित मानदेय/ निश्चित वेतन दिया जाए और राज्य कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाए। कार्य के दौरान किसी आशा बहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर ₹20 लाख मुआवजा दिया जाए। किसी आशा बहन की मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार के सदस्य को प्राथमिकता के आधार पर सेवा में लिया जाए। यदि 31 अक्टूबर 2025 तक माँगें नहीं मानी गईं, तो 1 नवम्बर 2025 से प्रदेशभर की सभी आशा एवं संगिनी बहनें अपने-अपने ब्लॉक व सीएचसी/पीएचसी पर कलमबंद हड़ताल करेंगी। इसके बाद 15 नवम्बर 2025 को दिल्ली के लिए प्रस्थान और 17 नवम्बर को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने के समय मायादेवी, मालती देवी, नेहा कुशवाहा, सरला देवी सहित अनेक आशा उपस्थिति रही।
Author: Pramod Gupta
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