– मुंह पर कपड़ा बंधा था, रोने की आवाज सुनकर राहगीरों ने बचाया जीवन
सोनभद्र। मानवता को झकझोर देने वाली घटना में सदर कोतवाली क्षेत्र के मारकुंडी घाटी में एक नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया गया। बच्ची कुछ घंटे पहले ही जन्मी थी। राहगीरों ने झाड़ियों से रोने की आवाज सुनी तो रुककर देखा, जहां लाल कपड़े में लिपटी नवजात पड़ी मिली। उसके मुंह पर भी कपड़ा बंधा था। लोगों ने तत्काल उसे उठाकर सीने से लगाया और इसकी सूचना पुलिस को दी। 112 पीआरबी टीम मौके पर पहुंची और बच्ची को लेकर मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन हॉस्पिटल पहुंची। डॉक्टरों ने बच्ची को साफ-सुथरा कर प्राथमिक उपचार दिया। फिलहाल बच्ची स्वस्थ बताई जा रही है। मंगलवार सुबह की यह घटना है। मारकुंडी घाटी के सोन ईको प्वाइंट के पास टहल रहे लोगों ने पहले हल्की रोने की आवाज सुनी, लेकिन जब आवाज दोबारा आई तो वे मौके पर पहुंचे। वहां पत्थरों के बीच लाल कपड़े में लिपटी नवजात दिखाई दी। बच्ची का जन्म हाल ही में हुआ था और उसकी नाभी पर भी कपड़ा बंधा था। स्थानीय लोगों ने बताया कि संभवतः रोने की आवाज दबाने के लिए मुंह पर कपड़ा बांधा गया था। गनीमत रही कि आसपास कोई जानवर नहीं था, अन्यथा हादसा बड़ा हो सकता था। कोतवाल माधव सिंह ने बताया कि बच्ची को सुरक्षित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है और उसके परिजनों की तलाश की जा रही है।
Author: Pramod Gupta
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