सोनभद्र/बीजपुर(विनोद गुप्त)आस्था का महापर्व डाला छठ आज शनिवार से नहाय-खाय के साथ आरंभ होगा।चार दिवसीय सूर्य उपासना के इस महापर्व की शुरुआत शनिवार से संपूर्ण सृष्टि के ऊर्जा स्रोत भगवान सूर्य की आराधना के रूप में मनाया जाता है।आस्था,शुद्धता और संकल्प का यह पर्व हर ओर श्रद्धा बिखेरता है।शनिवार को व्रती महिलाएं सम्पूर्ण पवित्रता के साथ नहाय-खाय के साथ सुरुआत करेंगी।आज लौकी,चावल,चने की दाल,सेंधा नमक,घी और रोटी के साथ सात्विक भोजन ग्रहण कर अगले दिन खरना की तैयारी करेंगी।रविवार को खरना के साथ 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत की शुरुआत होगा।तीसरे दिन सोमवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगी,वहीं चौथे दिन मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महाव्रत का समापन होगा।इस दौरान दो दिन के लिए घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ेगा हर ओर ‘छठी मइया’ के गीतों की गूंज सुनाई देगी आस्था के इस महापर्व को लेकर व्रती परिवारों में उत्साह का माहौल है।घरों में विधिवत साफ सफाई के बाद छठ पूजा के लिए ठेकुआ, खाजा,मीठी पूरी,पकौड़ी आदि प्रसाद बनाए जा रहे हैं।शायंकाल व्रती महिलाएं बिना लहसुन प्याज का सात्विक भोजन करेंगी और जमीन पर शयन करेंगी। माना जाता है कि पवित्र भोजन से शरीर को निर्जला उपवास के लिए आवश्यक ऊर्जा प्राप्त होती है।
*ऐसे मनेगा चार दिवसीय महापर्व*
25 अक्टूबर (शनिवार) नहाय-खाय।
26 अक्टूबर (रविवार) खरना।
27 अक्टूबर (सोमवार) डूबते सूर्य को अर्घ्य।
28 अक्टूबर (मंगलवार) उगते सूर्य को अर्घ्य और व्रत पारण।
पर्व के लिए नदियों और सरोवरों पर व्रती परिवार अपना अपना स्थान चिह्नित करने में लगे हैं। आयोजकों द्वारा घाटों की साफ सफाई टेंट सजावट भजन गीत संगीत सहित झालरों से रोशनी का कार्य तेज़ी से चल रहा है। पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था में लगा हुआ है।









