– सड़क सुरक्षा के नियमों के पालन हेतु चलाया जाए जागरूकता अभियान: जिलाधिकारी
– बरसात में खराब सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता पर कराएं: जिलाधिकारी
सोनभद्र। जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सड़क सुरक्षा माह से संबंधित समन्वय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सबसे पहले सभी सरकारी कर्मचारियों को स्वयं यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। साथ ही जिलेभर में जन-जागरूकता अभियान चलाकर आम नागरिकों को सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी जाए। जिलाधिकारी ने जल निगम और उपसा के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नगर पालिका क्षेत्र में वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग पर बने ओवरब्रिज के दोनों तरफ की सड़कों की गुणवत्तापूर्ण मरम्मत कार्य शीघ्र कराई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल निगम द्वारा कार्य समय से प्रारंभ नहीं किया गया तो उपसा विभाग संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने फ्लाईओवर पर स्थापित लाइटों के नियमित संचालन की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सभी लाइटें कार्यशील रहें तथा सड़कों के किनारे टेबल टैप व साइनेज बोर्ड लगाए जाएं ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि टोल प्लाजा पर लोगों को अनावश्यक रूप से न रोका जाए। एम्बुलेंस व आवश्यक सेवाओं के वाहनों के लिए एक निर्धारित लेन सुनिश्चित की जाए ताकि वे बिना विलंब गुजर सकें। एआरटीओ को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग और गलत नंबर प्लेट वाले वाहनों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जाए। जिन वाहनों के पांच से अधिक चालान हो चुके हैं, उनके लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाए और ऐसे चालकों की सूची सार्वजनिक की जाए। साथ ही उन पर अधिक जुर्माना लगाया जाए। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अनपरा, विण्ढमगंज, दुद्धी, हाथीनाला मार्ग पर पड़े गड्ढों की त्वरित मरम्मत कराई जाए ताकि दुर्घटनाओं की संभावनाएं कम हों। प्रांतीय खंड (PWD) को भी उन्होंने निर्देश दिया कि बरसात से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत को शीर्ष प्राथमिकता पर लिया जाए और किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। स्वास्थ्य विभाग से जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि 20 बेड का ट्रॉमा सेंटर मेडिकल कॉलेज के एल-2 अस्पताल के पास शीघ्र प्रारंभ किया जाए, ताकि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल इलाज उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सड़कों पर अवैध रूप से भस्सी, गिट्टी गिराने वाले वाहनों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई की जाए। दोपहिया वाहनों पर हेलमेट और चारपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य किया जाए। विद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, ड्राइविंग लाइसेंस जांच, दुर्घटना बचाव जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। दुर्घटना-बहुल क्षेत्रों में रोड सिग्नल और संकेतक लगाए जाएं तथा गड्ढामुक्त सड़कों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही बैनर, पोस्टर व होर्डिंग्स के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को सड़क पर बायीं दिशा में चलने, स्टॉप लाइन पर रुकने, और स्कूल के बच्चों को निर्धारित बस स्टॉप से ही चढ़ने-उतरने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने सभी को सचेत किया कि शराब पीकर वाहन न चलाएं, ओवरस्पीड या स्टंट न करें, गलत लेन में न चलें तथा वाहन चलाते समय मोबाइल पर बातचीत से बचें, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। बैठक में अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) रमेश चंद्र, एआरटीओ राजेश्वर यादव, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी शैलेश ठाकुर, सीओ सिटी रणधीर कुमार मिश्रा, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह, तथा सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
Author: Pramod Gupta
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