November 18, 2025 3:41 am

खनन माफ़ियाओं की खदान पर रोका गया जीवन, और कानून बन गया गूंगा-बहिरा

– अब तो पत्थर भी चीखते हैं, धरती का सीना चीर कर,
मगर हुक़ूमत सोई रहती है, चांदी के सिक्के पी कर।

सोनभद्र। ओबरा (समर सैम) थाना क्षेत्र का शारदा मंदिर-बग्घानाला रोड आज खनन माफ़ियाओं के कब्ज़े में है। रोज़ाना दोपहर लगभग 1:30 बजे यह मुख्य सड़क अवैध तरीके से रोक दी जाती है। कारण- सड़क किनारे चल रही गैरकानूनी पत्थर खदान में धड़ल्ले से की जाने वाली ब्लास्टिंग। यह ब्लास्टिंग इतनी खतरनाक होती है कि 200 से 500 मीटर दूर तक पत्थर के टुकड़े उड़कर गिरते हैं। सवाल यह है कि इतनी भीषण गतिविधि सार्वजनिक मार्ग पर क्यों और कैसे चल रही है?

राहगीरों की दुश्वारी

इस दौरान स्कूली बच्चों की गाड़ियाँ हों, एम्बुलेंस हो या आम राहगीर सबको जबरन रोक दिया जाता है। मौत के साए में सफ़र करने को मजबूर ये लोग उस बेख़ौफ़ माफ़िया राज़ की गवाही देते हैं, जिसमें इंसानियत की कोई अहमियत नहीं बची।

प्रदूषण और सेहत पर हमला

गांवों के घरों में दरारें, खेतों में उड़ती धूल और लोगों की बिगड़ती सेहत इस खनन की असली कीमत है। सांस की बीमारियाँ बढ़ रही हैं और बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

 कानून पर चांदी के जूते

खनन सिंडिकेट और जिम्मेदार विभाग के बीच गठजोड़ ने यहाँ एक समानांतर सरकार खड़ी कर दी है। सड़क किनारे लीज़, अवैध ब्लास्टिंग और खुलेआम नियमों की धज्जियाँ बताती हैं कि कानून उनके चांदी के जूतों पर नाच रहा है। मोटी रकम के आगे अधिकारी और विभाग दोनों मौन साधे हुए हैं।

इबरतनाक सबक

यह सिर्फ सोनभद्र की समस्या नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए चेतावनी है। जब सत्ता और सिस्टम धन की भूख में अंधे हो जाते हैं, तब सबसे बड़ी क़ीमत गरीब और बेगुनाह जनता चुकाती है। हकीकत को आईना दिखाता यह एक शेर बस बात ख़त्म। “मिट्टी का क़र्ज़ चुका न पाएंगे ये लालची दरिंदे, क्योंकि खामोश लहू की चीखें, अदालत-ए-ख़ुदा में गूंजेंगी ज़रूर।”

Pramod Gupta
Author: Pramod Gupta

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