– नगवां ब्लॉक में धड़ल्ले से चल रहे अवैध विद्यालय, ग्रामीणों व पत्रकारों में रोष
सोनभद्र। विकास खंड नगवां में आधा दर्जन से अधिक अवैध विद्यालय बिना मान्यता इंटर तक की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की उदासीनता और मिलीभगत के चलते यह शिक्षा का काला कारोबार बेखौफ जारी है।शिकायतकर्ता बृजेश कुमार ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अवैध विद्यालयों की शिकायत दर्ज कराई थी। जिलाधिकारी ने जांच का जिम्मा जिला विद्यालय निरीक्षक डीआईओएस को सौंपा। लेकिन डीआईओएस ने खुद जांच न कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को भेज दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि जांच अधिकारी ने अवैध विद्यालयों का निरीक्षण ही नहीं किया और फर्जी आख्या लगा दी कि सभी अवैध स्कूल बंद कराए जा चुके हैं। जबकि हकीकत इसके विपरीत है- स्वामी विवेकानंद स्कूल मान्यता कक्षा 5 तक में कैमूर मंजरी हाईस्कूल का बोर्ड लगाकर इंटर तक की पढ़ाई कराई जा रही है। वहीं कैमूर मंजरी का प्रबंधक अपने जर्जर भवन को दिखाकर अवैध आवासीय विद्यालय भी चला रहा है। पत्रकारों द्वारा इस प्रकरण पर डीआईओएस से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने न केवल टालमटोल किया बल्कि पत्रकार की जांच कराने की धमकी तक दे डाली। इस रवैये से पत्रकार संगठनों में गहरी नाराजगी है। सूत्रों के अनुसार, 16 सितंबर को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के बैनर तले यह प्रपत्र मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा और साथ ही जिलाधिकारी सोनभद्र को भी सौंपा जाएगा। इस ज्ञापन में अवैध विद्यालयों के संचालन, शिक्षा विभाग की लापरवाही और फर्जी आख्या की शिकायत शामिल होगी।
सवालों के घेरे में शिक्षा विभाग
- क्या यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति सिर्फ कागजों पर है?
- अवैध विद्यालयों को संरक्षण कौन दे रहा है?
- गरीब व पिछड़े छात्रों के साथ हो रहे आर्थिक शोषण पर शिक्षा विभाग मौन क्यों है?
सूत्रों का कहना है कि इन अवैध विद्यालयों को किसी बड़े सफेदपोश नेता का संरक्षण प्राप्त है। अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी सोनभद्र उच्चस्तरीय जांच कराकर शिक्षा विभाग और दोषी विद्यालय संचालकों पर कठोर कार्रवाई करते हैं या मामला यूं ही दबा दिया जाएगा।
Author: Pramod Gupta
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