सोनभद्र: दुद्धी तहसील मुख्यालय दुद्धी में चल रहे फर्जी और मानकविहीन अस्पतालों पर आखिरकार स्वास्थ्य विभाग का हंटर चला। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में एडिशनल सीएमओ गुलाब शंकर यादव अपनी टीम के डॉ कीर्ति आजाद के साथ शनिवार को नगर के कई निजी अस्पतालों की जांच के लिए पहुंचे। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी हकीकत सामने आई जिसने व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी।अस्पताल में सर्जरी के पेशेंट है लेकिन कोई सर्जन नहीं फिर सर्जरी कौन कर रहा है..?
राधा रानी और नागवंती सर्जिकल सेंटर सील
वार्ड नंबर 1 स्थित राधा रानी हॉस्पिटल पर जब टीम पहुंची तो बाहर से ताला लगा मिला लेकिन अंदर लोगो के होने की अंदेशा व्यक्त की गई जो बिना पंजीकरण के संचालित होता रहा है। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया। ठीक बगल में संचालित नागवंती सर्जिकल सेंटर पर भी रजिस्ट्रेशन और जिम्मेदार चिकित्सक मौजूद नहीं पाए गए, जिसके चलते उसे भी सील कर दिया गया।
विभा अस्पताल की ओटी सील
इसके बाद टीम ने विभा अस्पताल की जांच की। यहां भर्ती मरीजों से बातचीत और कागजात की जांच में भारी अनियमितताएं पाई गईं। टीम ने सख्त नाराजगी जताते हुए अस्पताल की ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
अंडरग्राउंड हॉस्पिटल से नवजात वार्मर जब्त
अमवार इंडियन बैंक के सामने बने एक अंडरग्राउंड मकान में अवैध रूप से अस्पताल संचालित होता मिला। यहां नवजात बच्चों को वार्मर और फोटोथेरेपी उपकरण पर रखा गया था, लेकिन मौके पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। जांच में यह भी सामने आया कि मरीजों से 15 हजार रुपये तक की वसूली की जा रही थी। इस अस्पताल को भी सील कर दिया गया और संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
शिवा अस्पताल पर कार्रवाई
जांच टीम रास्ते में संचालित शिवा अस्पताल भी पहुंची। बीते दिनों यहां जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया था। टीम ने निरीक्षण किया तो मौके पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं मिला और ओटी शील कर दी। शिवा अस्पताल में जच्चा बच्चा मौत का मामला कोई नया नहीं है, यहां अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती है।
केयर हॉस्पिटल की हकीकत
अंत में टीम रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग कब्रगाह के सामने स्थित केयर हॉस्पिटल पहुंची। यहां मरीजों की भीड़ तो दिखी, लेकिन कोई योग्य सर्जन उपलब्ध नहीं मिला। कई मरीज ऐसे मिले जिनका ऑपरेशन किया गया था, लेकिन जब एडिशनल सीएमओ ने फाइल और रिपोर्ट मांगी तो उसमें भारी अनियमितताएं मिलीं। नाराज होकर उन्होंने अस्पताल की ओटी को सील कर दिया और जिम्मेदारों को सख्त चेतावनी दी।
देव हॉस्पिटल
यहां मौके पर कोई डॉक्टर नहीं मिला इस दौरान नोटिस दिया गया कि यदि आज के बाद दो बार यदि कोई डॉक्टर उपस्थित नहीं मिला तो पंजीयन निरस्त कर दी जाएगी।
फर्जी अस्पतालों में हड़कंप
इस कार्रवाई से नगर के अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है। एडिशनल सीएमओ ने स्पष्ट किया कि बिना रजिस्ट्रेशन और योग्य चिकित्सक के चल रहे अस्पताल लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे अस्पताल किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।
एडिशनल सीएमओ गुलाब शंकर यादव ने मीडिया को बताया कि जिले के घोरावल और दुद्धी में ज्यादा अस्पताल है।दुद्धी में एक अस्पताल में सर्जरी के दौरान डिलेवरी हुआ था जिसमें दोनों की मौत हो गई थी।सीएमओ के निर्देश पर आज दुद्धी के निजी अस्पतालों में हो रहे सर्जरी की पड़ताल ओटी रूम से की गई इस दौरान जिन अस्पतालों में सर्जरी हो रही है वहां कोई सर्जन नहीं मिला उपस्थित अस्पताल कर्मचारियों द्वारा सर्जन का नाम भी नहीं बताया गया ,पता लगाया जा रहा है कि सर्जन कौन है ।उन्होंने एक सवाल पर जवाब दिया कि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की डिग्री की जांच शासन से कराया जाएगा,कुछ एमबीबीएस डिग्री फर्जी बताए जा रहे है।









