सोनभद्र। होली के त्योहार पर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। हर तरफ रंग अबीर गुलाल की दुकानें सजी हुई दिखाई दे रही हैं। नये नये डिजाइन और मॉडल की पिचकारी बच्चों को आकर्षित कर रही है। नगर के मेंन चौक पर लोग खरीदरियां करने में ब्यस्त दिखाई दिए। वहीं स्कूलों मे होली की छुट्टी होने पर बच्चों ने भी खूब धमाल मचाया। एक दूसरे पर अबीर उड़ा कर नाच गाना किया। बच्चों के रंग बिरंगी चेहरे और उनके चेहरे पर होली की मस्ती से विद्यालय परिसर रंगीन हो गया। साथ ही शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी एक दूसरे को अबीर लगाकर गले मिलकर होली की बधाइयां दी और खुद भी बच्चो के साथ होली के मस्ती मे शामिल हुए। रंगों के त्योहार पर रंग से होने वाले नुकसान को लेकर भी एहतियात बरतने की आवश्यकता होती है। इसको लेकर हमने राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय चुर्क सोनभद्र के डॉ.आनंद नारायण से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि होली पर केमिकल युक्त रंगो की बजाय हमें हर्बल रंगो का प्रयोग करना चाहिए। बच्चो को अभिभावकों के देख रेख मे ही रंग खेलना चाहिए। रंग खेलने से पहले शरीर पर नारियल तेल या कोई बॉडीलोशन लगा ले इससे रंग छुड़ाने मे आसानी होती है। सिर पर टोपी लगा लेने से बाल खराब नही होते। चश्मा लगा लेने से आँखों को रंगो से बचा सकते है। इसी तरह कानो मे रुई लगाने से पानी कान के अंदर नही जाता। आँखो मे यदि रंग जाने से जलन होती है तो उसे बार बार पानी से धोते रहें। यदि किसी को रंगो से एलर्जी है तो उसे रंग खेलने से बचना चाहिए। फिर भी यदि किसी को रंग लगने से त्वचा पर दाने, चकत्ते, खुजली या किसी प्रकार की समस्या होती है तो चिकित्सक से परामर्श ले।

Author: Pramod Gupta
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