बीजपुर/सोनभद्र (विनोद गुप्त)एनटीपीसी रिहंद परियोजना की राख से बस्तियों के बीच प्रदूषित पर्यावरण की आबोहवा इंशानी जिंदगी पर भारी पड़ रही है।वहीं कार्यदायी संस्था द्वारा पानी छिड़काव की महज रश्म अदायगी लोगों को मुँह चिढ़ा रही है।बताया जाता है कि राख परिवहन वाले सड़क मार्ग पर एनटीपीसी प्रबन्धन पानी छिड़काव के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है इतना ही नही सड़क पर अथवा सड़क किनारे पटरी पर गिराई जा रही बेतरतीब राख की ढेर को हटाने के लिए भी धन खर्च किया जाता है लेकिन यह सब महज कागजों के साथ फाइलों में ही सिमट कर रह गया है।प्रबन्धन की ओर से बगैर जांच पड़ताल किए सम्बन्धित ठेकेदार का बिल भुगतान ने संस्थान के कुछ जिम्मेदारों पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं।सिरसोती और बीजपुर पुनर्वास बस्ती में प्रतिदिन दो से तीन बार पानी छिड़काव का दावा हवाहवाई साबित हो रहा है ग्रामीण कहते हैं कि दिन रात उड़ रही राख से जनजीवन खानाबदोश हो गया है आरोप है कि कभी कभी पानी छिड़काव किया जाता है लेकिन दो या तीन बार नही होता।गौरतलब हो कि बीजपुर से बकरिहवा तक 25 किलो मीटर सड़क ओवरलोड़ राख परिवहन के कारण अब पूर्ण रूप से खंडहर हो चुकी है सड़क पर अंधाधुंध दौड रहे डंफरों के पहिये से उड़ रही राख के बीच पैदल और दुपहिया वाहन से सफर करना मौत के मुँह में जाने के समान हो गया है।ग्रामीणों का आरोप है कि राख परिवहन पूर्ण रूप से एनजीटी नियमों को दरकिनार कर की जा रही है जिसके कारण क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।वहीं बताया गया कि सिरसोती आवासीय गेट से सीआईएसएफ कालोनी होते हुए मैटेरियल गेट के सामने जंगल के गड्ढे मे राख फिलिंग कार्य किया जा रहा है राख वहाँ भी सड़क पर गिर रही है लेकिन किसी कर्मचारी अथवा अधिकारी को इस प्रदूषण का शिकार न होना पड़े इसके लिए दो दो टैंकर से बराबर पानी गिरा कर राख को सड़क से साफ कराया जा रहा है।ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रबन्धन को अन्य बस्तियों में गिराई और उड़ाई जा रही राख दिखाई ही नही देती अथवा बस्ती में पानी छिड़काव महज खाना पूर्ति है और जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।प्रदूषण से खफा ग्रामीणों ने नधिरा में शनिवार को सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया।जानकारी के लिए डीजीएम पी लक्ष्मी को फोन किया गया लेकिन उन्हों ने फोन नही उठाया लिहाजा उनका पक्ष नही मिला।