October 15, 2025 6:00 pm

भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्म का हुआ वर्णन

सोनभद्र (घोरावल) “ईश्वर प्रेम एवं भाव के भूखे हैं। वे सदैव भक्त के वश में होते हैं।जब भक्त एक कदम जब ईश्वर की तरफ बढ़ाता है तो ईश्वर तीन कदम आगे बढ़कर भक्त को गले लगा लेते हैं।” श्री अयोध्या धाम से आए स्वामी विमलजी महाराज ने घोरावल धर्मशाला परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवम् भागवतकथा में पांचवें दिन भक्ति महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जगदीश्वर भगवान श्रीहरि विष्णु सदैव अपने भक्तो की रक्षा और कल्याण करते हैं। श्री कृष्ण जन्मोत्सव, पूतना वध, कालिया नाग का मर्दन, गोवर्धन पर्वत धारण कर देवराज इंद्र का अभिमान मर्दन की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि किन कठिन परिस्थितियों में वसुदेव व देवकी ने कारागार में 8 वें संतान के रूप में कृष्ण को जन्म दिया और उन्हें नंद राज व यशोदा के घर पहुंचाया। इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की पूरा धर्मशाला परिसर गूंज उठा। बुधवार रात उन्होंने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का बड़ा ही मनोरम और भावपूर्ण वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु सदैव जीवों का कल्याण करते। उन्हें जहर बुझे स्तनों से दूध पिलाने वाली पूतना को भी अपनी माता का दर्जा दिया। प्रभु की प्रत्येक लीला मानव के लिए प्रेरणादायी है।
बृहस्पतिवार सुबह पंडित शिवम शास्त्री ने विधि विधान से यज्ञ किया। वहीं श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की।इस अवसर पर अशोक कुमार उमर, भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय, कन्हैयालाल सेठ, राजेश उमर, हरिप्रकाश वर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष दयाशंकर, कौशल साहू इत्यादि मौजूद रहे।

Pramod Gupta
Author: Pramod Gupta

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