सोनभद्र । उत्तर प्रदेशीय प्राथ के प्रदेशीय नेतृत्व के बैनर तले सभी विकास खंडों मे बीईओ कार्यालय पर सैकड़ों शिक्षको ने अपनी मांगो के समर्थन एवं अपने खिलाफ हो रहे शोषण के विरुद्ध खण्ड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौपा।
प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने हुंकार भरते हुए कहा कि शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य कराये जा रहे हैं, जो शिक्षक का कार्य नही है विभाग द्वारा शिक्षको पर अनावश्यक गैर शैक्षणिक कार्य जबरन थोपा जा रहा है।
ब्लॉक अध्यक्ष शिवशंकर ने कहा कि शिक्षको की समस्याओं को सुलझाने के बजाय सरकार और सरकार के रहनुमा शिक्षकों को प्रयोगशाला समझ लिए है। शिक्षक का कार्य शिक्षण कार्य है न कि बच्चों का आधार बनवाना, अभिभावक का खाता खुलवाना।
आगे कहा कि अभिभावक के सीधे खाते मे डीबीटी के माध्यम से पैसा जाता है। यदि अभिभावक ड्रेस नही खरीद रहे हैं तो उसमे शिक्षको को दोषी बना कर उनका वेतन अवरुद्ध करना ये किस तरह का न्याय है? एमडीएम की व्यवस्था 80% विद्यालयों मे ग्राम प्रधान के हाथों मे है। उसके बाद भी उसमे अध्यापक को मोहरा बनाया जाता है। साफ सफाई की व्यवस्था सफाईकर्मी की है, उसमे भी अध्यापक को दोषी बना कर अध्यापक का वेतन अवरुद्ध करना विभाग की परिपाटी बन गयी है साथ ही अवरुद्ध वेतन के बहाल कराने के लिए मोटी रकम अध्यापको से ली जाती है, जिससे अध्यापक तंग आ चुका है। उन्होंने विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अध्यापक की समस्याओं का समय रहते निदान नही हुआ तो अध्यापक सड़क से लेकर संसद तक धरना देने के लिए मजबूर होगा और इसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन एवं राजनीतिक रहनुमाओ की होगी।
ज्ञापन कार्य क्रम मे जिला उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह, सूर्य प्रकाश सिंह, अनिल सिंह, कौसर जहां सिद्दकी, राजेश बैस, सुनील कांत माथुर, संतोष सिंह, नीलम गिरी, संजय मौर्या, कृष्ण कुमार, हिमांशु मिश्रा, मयंक दुबे, दिनेश मिश्रा, दिवाकर तिवारी, राम लाल सिंह, वर्तिका सिंह,अखिलेश सिंह राजीव कुमार

Author: Pramod Gupta
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