सोनभद्र/बीजपुर(विनोद गुप्त)सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बावजूद बिजली बितरण निगम अपने कार्यप्रणाली में सुधार की बजाय त्रुटिपूर्ण और मनमाना बिजली बिल भेज कर उपभोक्ताओं की जेब काटने में लगा हुआ है।ग्रामीण अंचल में मीटर रीडर का दूर दूर तक कहीं भी अतापता नही है साल दो साल में किसी गाँव के एक घर पहुँच कर कभी रीडिंग लिया गया होगा बाकी महीने घर बैठे भांग पी कर त्रुटिपूर्ण मनमाना बिजली बिल भेजा जा रहा है।बीजपुर के राय कालोनी में दसरथ की झोपड़ी में केवल एक बल्व जलाया जाता है उपभोक्ता इसके बाद परियोना में डियूटी करने चला जाता है घर मे और कोई नही है उसका बिजली बिल 23 हजार रुपए एक महीने का भेजा गया।इसी प्रकार नेमना गांव में विनोद गुप्ता के घर मे मीटर रीडिंग से 14 अक्टूबर तक कुल 430 यूनिट बिजली खपत हुआ इसके एवज में उपभोक्ता ने अगस्त मांह में 837 रुपया ऑनलाइन जमा किया है। बावजूद 10410.88 पैसे का पुनः बिल भेज कर यह साबित कर दिया गया कि बिजली विभाग वास्तव में घर बैठे मनमाना बिल भेज कर जेब काटने पर आमादा है।इसी प्रकार नेमना गाँव मे ही रामजी बैश्य के घर मे मीटर रीडिंग से 266 रुपया बिल बनता है लेकिन यहां 1652 रुपया का बिल भेज कर सरकारी खजाना भरने की होड़ लगी है।सरकार बितरण निगम के अधिकारियों कर्मचारियों पर करोड़ो रुपए भलेही खर्च कर रही है बावजूद नियमित डियूटी की बजाय अधिकारी घर बैठे नशे में बिल बना कर जेब काटने में लगे है।यह सब तो बस एक बानगी है अगर गाँवो में घर घर जाकर मीटर रीडिंग और ऑनलाइन भेजे गए बिल से तालमेल बैठाया जाय तो करोडों रुपए के फर्जी मनगढ़ंत बिजली बिल का खुलासा हो सकता है।ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली बिभाग पहले फर्जी बिल भेजता है बाद में उसको सेटल कराने के नाम पर सौदा करता है।आरोप है कि नियमित बिजली भी नही मिलती आयेदिन लोग फाल्ट से जूझ रहे हैं प्रायः सप्लाई बंद रहती है लेकिन बिल भारी भरकम आने से नधिरा, बीजपुर उपकेंद्र से पोषित हजारों उपभोक्ताओं में गहरा आक्रोश है।
