उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अक्टूबर 2025 को अपने सरकारी आवास पर आयोजित जनता दर्शन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लोगों की समस्याएँ सुनीं और अधिकारियों को हर शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। यह दृश्य न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी का प्रतीक था, बल्कि जनता के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का भी परिचायक है। जनता दर्शन जैसी पहल लोकतांत्रिक शासन की उस भावना को जीवंत रखती है, जिसमें जनता और सरकार के बीच की दूरी घटती है। मुख्यमंत्री स्वयं जनता की बात सुनते हैं, जिससे आम नागरिकों को यह भरोसा मिलता है कि उनकी आवाज सत्ता के शीर्ष तक पहुँच रही है। इस दौरान उन्होंने आर्थिक सहायता, इलाज, आवास, भूमि विवाद, सुरक्षा और रोजगार जैसी अनेक समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी शिकायतकर्ता को निराश होकर वापस न लौटना पड़े। योगी सरकार के कार्यकाल में जनता दर्शन कार्यक्रम लगातार यह संदेश देता रहा है कि शासन केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सक्रिय है। आम नागरिकों से सीधा संवाद न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाता है, बल्कि शासन के प्रति जनता के विश्वास को भी सुदृढ़ करता है। इस जनसंपर्क कार्यक्रम से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता जनता के दुःख-दर्द को समझना और उनका समाधान करना है। ऐसी पहलें लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करती हैं और यह साबित करती हैं कि उत्तर प्रदेश में शासन सेवा, सुशासन और संवेदना के मार्ग पर निरंतर अग्रसर है।

Author: Pramod Gupta
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