September 1, 2025 5:45 am

जिला अस्पताल मे सुबिधाओं का अभाव, मरीज हो रहे परेशान

– बाजार में खुल रहे नए अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश का आकांक्षी जनपद में जहां विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं वहीं मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। गरीब आदिवासियों के लिए बना जिला अस्पताल खुद ही अपना इलाज नहीं कर पा रहा है। जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कब चलता है कब बंद हो जाता है पता ही नहीं चलता वहीं डिजिटल एक्स-रे मशीन बंद हुए एक साल से ऊपर हो रहा है। अभी तक चालू नहीं हो पाया। जैसे उस पर यूज एंड थ्रो वाली कहावत लागू हो गई हो। जिला अस्पताल में बने शौचालयों का इस्तेमाल तो मरीजों को मजबूरी बस करना ही पड़ता है अन्यथा कोई उसका दरवाजा भी ना खोलना चाहे। गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण आए दिन में गेट पर जाम लगे रहते हैं जिससे इमरजेंसी के मरीजों को भी काफी परेशानी होती है। फैक्चर के मरीजों को प्लेट या राड लगाने की आवश्यकता हो तो इस प्रकार की सुविधा जिला अस्पताल में नहीं है। इन सबके बावजूद मरीज आते हैं तो विभाग के कर्मचारियों द्वारा उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है जैसे इलाज के लिए जिला अस्पताल जाकर उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई हो। गरीबों की परेशानी तो उस समय और बढ़ जाती है इतने बड़े अस्पताल में इलाज न होने के बाद उन्हें रेफर कर दिया जाता है। रही सही कसर बिचौलिए निकाल देते हैं। जहां उत्तर प्रदेश सरकार लगातार जनता की भलाई के लिए उन्हें तमाम सुबिधाये मुहैया करा रही है। बेहतर इलाज के लिए तमाम योजनाएं ला रही है। योगी सरकार उत्तम स्वास्थ्य और बेहतर इलाज के लिए सदैव तत्पर है। वही स्वास्थ विभाग के अधिकारी ही इन सब पर पानी फेर रहें है। इनके ऑफिस की एसी बंद हो जाये तो पूरा महकमा मरम्मत कराने मे लग जाता हैं। गरीबों के इलाज मे ब्यवस्था बिगड़ जाये तो ठीकरा सिस्टम पर मड़ दिया जाता है। इन्ही कारणों से जिनके लिए सम्भव होता है वो इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेते है और जिनके लिए सम्भव नही होता उनके लिए मरता क्या ना करता वाली स्थिति होती है। यही कारण है कि आज प्राइवेट अस्पतालों की भरमार होती जा रही है। तकलीफ तो यह देखकर होती है कि जिन माननीयों के पास इतना समय नहीं होता कि गरीबों के लिए बने इस जिला अस्पताल को देख ले। सरकार द्वारा गरीबों को दी जा रही सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं या नहीं इसके बारे में कुछ जानकारी करें मरीज का हाल-चाल ले। उनके पास फीता काटने और कार्यक्रम के लिए भरपूर समय होता है। वे भूल जाते है की आज यदि जनता का ख्याल नही रखेंगे, उन्हें मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध नही कराएंगे तो एक दिन जनता भी आपको भूल जाएगी। अधिकारियों को हरी झंडी दिखाने व मीटिंग करने से फुर्सत नहीं वहीं जनप्रतिनिधि फीता काटने एवं कार्यक्रम करने में व्यस्त रहते हैं। वहीं विपक्ष को भी कुछ खास मौके पर ही इन मरीजों की याद आती है। ऐसे में इन गरीबों की सुधि कौन लेगा।

Pramod Gupta
Author: Pramod Gupta

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