– पीने का पानी लेने जा रहे दूर, बिना नहाए ही रहने को मजबूर
सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज नगर से सटे ग्राम गोरारी, गोरडीहा, घूरमा के लोगों की जिंदगी बिन पानी सब सून जैसी स्थिति में हो गई है। पिछले एक सप्ताह से यहां के रहवासियों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है जिसके लिए इन्हें काफी दूर जाना पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में लगे हैंडपंप भी जवाब दे गए हैं। सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि पूरे जनपद को पानी की सप्लाई देने वाले विभाग जल निगम का ऑफिस भी इसी क्षेत्र में है। यहीं पर अधिकारी बैठते हैं। जिन्हें यहां के ग्राम वासियों का आक्रोश झेलना पड़ रहा है इसके बावजूद भी इस भीषण गर्मी में लोगों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। कागजों में तो ऐसे ग्राम पंचायत में पानी के टैंकर खूब दौड़ रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यहां के लोग पीने के लिए पानी की व्यवस्था तो जैसे तैसे कर लेते हैं लेकिन नहाने धोने आदि दैनिक कार्यों की इस्तेमाल के लिए पानी की व्यवस्था करना अब टेढ़ी खीर हो गई है। लगातार लोगों द्वारा जल निगम के ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं हो रहा है।
गोरारी के ओम प्रकाश ने बताया कि एक दिन पानी आता है चार दिन नहीं आता। हैंड पंप भी जवाब दे दिया है। टैंकर नहीं आ रहा है। आसपास से पानी मांग कर काम चला रहे हैं। घुरमा से सजनी देवी ने कहा कि पास पड़ोस के लोगों में जिनके यहां बोरिंग है उनसे पानी मांग कर लाया जाता है। किसी दिन टैंकर आ गया तो नहाने धोने के लिए पानी मिल जाता है नहीं तो बिना नहाए ही रह जाते हैं। सप्लाई का पानी भी पिछले पांच छ दिनों से नहीं आया है। घूरमा की ही पम्मी देवी ने बताया की वह पीने का पानी तीन किलोमीटर की दूर अपने भाई के घर से मंगवाती हैं। कम पानी मिलाने से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है दैनिक कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं।
इस बारे में जब जल निगम के अधिशासी अभियंता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पहले मोटर खराब था उसे बनवाया गया तो स्टार्टर जल गया अब स्टार्टर बन गया है लेकिन बिजली पूरी तरह तरीके से ना मिल पाने के कारण टंकी नहीं भर पा रही है। थोड़ा पानी भर जाता है तो सप्लाई चालू करते ही दस मिनट में पानी समाप्त हो जा रहा है। जहां पानी नहीं पहुंच पा रहा है वहां वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में टैंकर भेजा जा रहा है। जल्द ही पानी की समस्या का निस्तारण हो जाएगा। सवाल यह उठता है कि जब हर साल गर्मी के दिनों में यह समस्या होती है तो गर्मी के प्रारंभ में ही इन समस्याओं का हल क्यों नहीं ढूंढा जाता। गांव के जनप्रतिनिधि भी समय पूर्व समस्याओं से अवगत क्यों नहीं करते।

Author: Pramod Gupta
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