June 24, 2025 9:48 pm

जान जोखिम में डाल कर बसों की छत पर सफर करते यात्री परिवहन विभाग मौन

बीजपुर/सोनभद्र (विनोद गुप्त)बकरिहवा से बीजपुर तक 25 किलो मीटर गढ्ढे वाली खराब सड़क में पापी पेट की खातिर रोज आना जाना ऊपर से बसों के अंदर जगह न मिलने पर श्रमिक निजि बसों की छत पर बैठ कर सफर करने के लिए मजबूर हैं।नियम कानून और सड़क परिवहन के सुरक्षा का पाठ पढ़ाने वाला महकमा सब कुछ देख कर भी मौन है।बताया जाता है कि श्रमिक परियोजना में डियूटी के बाद ग्रामीण अंचल में उनको घरों तक पहुचाने के लिए

बसों द्वारा पहुचाया जाता है दिनभर आपा धापी और कड़ी मेहनत के बाद शाम को जल्द घर पहुँचने की होड़ में दर्जनों श्रमिक बसों के अन्दर सीट न मिलने के कारण छत पर ही बैठ कर सफर करने के लिए मजबूर हैं।खराब सड़क केजान जोखिम में डाल कर बसों की छत पर सफर करते यात्री परिवहन विभाग मौन कारण दुर्घटना को दावत दे रही बकरिहवा बीजपुर सड़क मार्ग पर कई बार श्रमिकों से भरे छोटे बड़े वाहनों की सड़क दुर्घटना में अकाल मौत हो चुकी है बावजूद बस चालक चंद रुपयों की लालच में गरीब श्रमिको की जिंदगी से खिलवाड़ करने पर आमादा है।बताया जाता है कि यहां की सड़क पर दर्जनों ऐसे डग्गामार वाहन जिसमे मैजिक पिकप ट्रक डम्फर बस इत्यादि बगैर कागजात के ही चलाए जा रहे हैं जिनके पास परिवहन विभाग से सम्बंधित कोई कागजात नही हैं और अगर किसी के पास कुछ है भी तो वह अपूर्ण और अबैध है लेकिन विभागीय सेटिंग गेटिंग के जरिये सब कुछ जायज बना हुआ है।एआरटीओ हो या ट्रैफिक पुलिस अथवा पुलिस छोटे वाहनों की जाँच तो समय समय पर करती हैं लेकिन उनके जाँच वाले नियम कानून में बड़े वाहन अथवा ओवरलोड़ वाहन जाँच के दायरे से बाहर हैं।इस बाबत एआरटीओ सोनभद्र को फोन कर जानकारी चाही गयी लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ था।

Pramod Gupta
Author: Pramod Gupta

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