डाला/सोनभद्र (अर्जुन सिंह) विकास खंड चोपन अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों के विकास कार्य, भवनों, सडक़ों आदि का निर्माण कार्य के लिए सरकार ने तो ग्राम पंचायत के सचिव व प्रधान को जिम्मेदारी दी है, लेकिन निर्माण कार्य के प्रारंभ से लेकर कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करने राशि आहरण करने के लिए ठेका प्रथा चल रही है, क्षेत्र की लगभग सभी पंचायतों में सभी कार्य ठेकेदारों द्वारा ही किया जा रहा है, जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में होने के बाद भी ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाने के बजाय अधिकारी खुद ठेकेदारों से अपना जुगाड़ बना अपनी जेबें गरम कर रहे हैं। बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र के धड़ल्ले से अनुपयोगी कार्य स्वीकृत किये जा रहे है बिना उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाये ग्रुप में कार्य स्वीकृत कर भी बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
ब्रेफिक्री का आलम
ग्राम पंचायतों में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। इन मामलों में अधिकारियों की चुप्पी कई प्रश्न चिन्ह खड़े कर रही है। कर्मचारियों की बेफिक्री का आलम यह है कि कई ग्राम पंचायतों में फर्जी फर्मों के नाम से बिल लगाकर सरकारी राशि का गोलमाल किया जा रहा है। बड़े स्तर पर टैक्स चोरी भी की जा रही है। अधिकांश मामलों की जानकारी अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना भ्रष्टाचार को एक गोरखधंधे का रूप दे रहा है।

Author: Pramod Gupta
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