बीजपुर(सोनभद्र) म्योरपुर शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों के अवैधानिक अटैचमेंट सीसीएल अवकाश और मेडिकल के नाम पर भगोड़े शिक्षकों को नियम विरुद्ध संरक्षण तथा संकूल शिक्षकों के माया जाल में फंस कर शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाले एबीएसए विश्वजीत कुमार का स्थानांतरण तो कर दिया गया है लेकिन अब म्योरपुर ब्लॉक में आए नवागत एबीएसए को सब सही करना भी एक चुनौती पूर्ण कार्य है।देखना यह होगा की नए बीईओ शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और सरकारी स्कूल से मोह भंग हो चुके बच्चों को वापस लाने में क्या रणनीति अपनाते हैं।बुधवार को कुछ सरकारी स्कूलों में जब छात्र संख्या की जानकारी ली गई तो कही 10% तो कही 20% तक बच्चों की उपस्थिति देखी गई यह अलग बात है की विभागीय आदेशों को बता कर छात्र संख्या 80% से 85% तक दिखाया जा रहे हैं लेकिन यह गोलमाल का खेल कब तक चलेगा।
*भगोड़े शिक्षकों पर कैसे होगी कारवाई*
पूर्व एबीएसए के निजी स्वार्थ और उनके संरक्षण में घर बैठे वेतन उठाने की आदत डाल चुके तीन दर्जन काम चोर अध्यापक अध्यापिकाओं को नवागत बीईओ क्या स्कूल में फिर से ला कर पढ़ाई करवा पाएंगे यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है।पूर्व एबीएसए द्वारा म्योरपुर शिक्षा क्षेत्र की सभी व्यवस्था को दो वर्षों में किया गया डैमेज कंट्रोल किस प्रकार और कब तक हो पाता है यह सब से महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है।
*दीमक की तरह चाट रहें है सरकारी स्कूलों को गैर मान्यता प्राप्त स्कूल*
दीमक की तरह सरकारी स्कूलों को चाट रहे कुकुरमुत्ते की तरह जगह जगह चल रहे गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर रोक लगाने के लिए एबीएसए विश्वजीत द्वारा 15 दिन पहले दिखावे के लिए जो नोटिस दिया गया था क्या उसको नवागत एबीएसए गंभीरता से लेते है यह भी एक महत्वपूर्ण विषय है।बहरहाल सूत्र बताते हैं कि चोपन ब्लॉक से म्योरपुर के लिए आए एबीएसए काफी कर्मठ और नियम कानून से जुड़े अनुभवी अधिकारी बताए जा रहे है इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि सब कुछ जल्दी ही बर्वाद शिक्षा ब्यवस्था पटरी पर कर लिया जाएगा।
