– दो माह के भीतर 14 लाख रुपये परिवादी को प्रतिकर के रूप में तथा 25 हजार रुपये अर्थदंड का आदेश
– प्रतिकर की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
– अभियुक्त द्वारा दिए गए 7 लाख रुपये बाउंस चेक का मामला
सोनभद्र। जमीन विक्रय करने के एवज में लिए गए एडवांस को अभियुक्त द्वारा 7 लाख रुपये का बाउंस चेक दिए जाने के मामले में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम मुरलीधर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए धारा 138 एनआई एक्ट में दोषसिद्ध पाकर दोषी शांतनु चतुर्वेदी को एक वर्ष की कैद की सजा सुनाई। इसके अलावा निर्णय एवं आदेश की तिथि से दो माह के अंदर 14 लाख रुपये परिवादी को प्रतिकर के रूप में तथा 25 हजार रुपये अर्थदंड देना होगा। प्रतिकर की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
बता दें कि संजय कुमार चौबे पुत्र शशिकांत चौबे निवासी मझिगांव चौबे, थाना रॉबर्ट्सगंज ने अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिंह के जरिए 7 अप्रैल 2023 को दाखिल धारा 138 एनआई एक्ट के परिवाद पत्र में अवगत कराया है कि अभियुक्त शांतनु चतुर्वेदी पुत्र सत्यनारायन चतुर्वेदी निवासी मझिगांव चौबे, थाना रॉबर्ट्सगंज से 14 लाख रुपये में एक बीघा 4 विस्वा जमीन क्रय करने की बातचीत किया था। जिसके लिए 8 लाख 88 हजार रुपये एडवांस भी दे दिया। जब बैनामा करने के लिए कहा गया तो अभियुक्त द्वारा हीलाहवाली की जाने लगी। बाद में कहा जाने लगा कि अब जमीन की कीमत 35 लाख रुपये हो गई है। जब अपना एडवांस दिया पैसा अभियुक्त से मांग किया तो उसने 4 जनवरी 2023 को 6 लाख रुपये का चेक तथा 9 जनवरी 2023 को एक लाख रुपये का दूसरा चेक दिया। इस प्रकार से सिर्फ 7 लाख रुपये का चेक दिया। जिसे बैंक ने खाते में पर्याप्त धनराशि न होने पर चेक बाउंस करार दिया। उसके बाद 28 फरवरी 2023 को जरिए अधिवक्ता विधिक नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा। नोटिस तामिला के बावजूद भी जानबूझकर 8 लाख 88 हजार रुपये हड़पने की नीयत से बाउंस चेक देकर दंडनीय अपराध किया है।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, परिवादी संजय कुमार चौबे के बयान, 7 लाख रुपये के दो बाउंस चेक , अधिवक्ता के जरिए रजिस्टर्ड डाक से भेजी गई विधिक नोटिस, शाखा प्रबंधक निवास कुमार के बयान व पत्रवाली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी शांतनु चतुर्वेदी को एक वर्ष की कैद व दो माह के भीतर परिवादी को 14 लाख रुपये प्रतिकर व 25 हजार रुपये अर्थदंड अदा करने का आदेश दिया है। प्रतिकर की धनराशि अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं प्रतिकर की धनराशि अभियुक्त से नियमानुसार वसूल की जाएगी।

Author: Pramod Gupta
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