April 27, 2025 10:33 am

विजयगढ़ किले में मिरान शाह बाबा का उर्स हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक

सोनभद्र (समर सैम) हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक मिरान शाह बाबा का उर्स निहायत ही अक़ीदत के साथ मनाया गया। सैय्यद ए सज्जाद पुर्वांचल ए सरताज खैरुल बशर ताज़दार ए हिन्द आशिक ए खैरुलवरा सूफी ए सल्तनत शमशीर ए कहर शुजाअत ए मिम्बर सालार गाज़ी सैय्यदना जैनुल्लाब्दीन मिरान शाह सूफ़ी ए कलंदर रहमतुल्लाह का उर्स ए मुबारक 23 अप्रैल 2025 को निहायत ही अकीदत के साथ मनाया गया। मिरान शाह बाबा का रोज़ा ए मुबारक जिले के मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से तक़रीबन 30 किलोमीटर दूर मऊ गाँव में आबाद विजयगढ़ किले के प्रांगण में है। विजयगढ़ किला 400 फिट ऊंची एक खूबसूरत पहाड़ी पर बनाया गया है। दुर्गम पथरीले ऊंचे ऊंचे पहाड़ी रास्ते से किले तक जाना आसान नहीं है। काफी दुश्वारियों के बाद ज़ायरीन इस किले तक पहुंचते हैं। किले के सदर दरवाज़े के पास ही मिरान शाह बाबा की खानकाह गुलज़ार है। इसी के करीब दो बड़े तालाब मिरान सागर और राम सागर हैं जिसमें बारों मास पानी भरा रहता है। बहुत ही ताज़्जुब की बात है इतनी ऊंची पहाड़ी पर आबाद किले के भीतर इन तालाबों में हमेशा पानी कैसे भरा रहता है। इस पहेली को आजतक कोई भी सॉल्व नहीं कर पाया है। बाबा मिरान शाह का उर्स ए मुबारक हर साल अप्रैल के महीने में होता है।  फ़िलहाल इस उर्स ए मुबारक में लाखों लोगों ने शिरकत किया। ज़ायरीन तमाम आरज़ू लेकर बाबा की चौखट पर हाज़िरी लगाते हैं। बाबा के मुरीदों को यह भरोसा है बाबा उनकी मुश्किल आसान कर देंगे। उर्स इंतेजामिया कमेटी के सदर एवं समाजसेवी हिदायत उल्ला खान ने बताया कि इस उर्स ए मुबारक के मौके पर लोग मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के कोने कोने से आते हैं। यहां आकर ज़ायरीन मन्नतें मांगते हैं।जहां उनकी मुरादें पूरी होती हैं। विजयगढ़ किले में घुसते ही पूरा माज़रा बदल जाता है। जहां बाबा के रहम ओ करम से जंगल में भी मगंल का दिलकश नज़ारा देख कर आँखों पर यकीन नहीं होता। इतने दुर्गम पहाड़ियों पर भी चारों तरफ लोगों की भीड़ ही भीड़ नज़र आती है। उर्स में चारो तरफ खाने पीने की दुकानों के साथ साथ खिलौने और फूल चादर की दुकानें सजी हुई नजर आ रही है।

वहीं लोग जिधर नज़र डालिये उधर खाना बनाते हुए नज़र आ रहे हैं। उर्स कमेटी के सदर हिदायत उल्ला खान अपने वालंटियर्स के साथ बैडमिंटन की चिड़िया की तरह पसीने से लथपथ इधर से उधर भागते हुए नज़र आ रहे थे। रॉबर्ट्सगंज अंजुमन कमेटी के सदर जनाब मुस्ताक अहमद खान भी लोगों के बीच लंगर की बिरयानी बंटवाने में मशगुल नज़र आये। तक़रीबन 4 बजे शाम में गागर और चादर को हिदायत उल्ला की सदारत में कमेटी के तमाम मिम्बर सर पर रखकर सदर दरवाज़े से मज़ार तक नारे रिसाला बुलन्द करते हुए ले गए। गुसुल और चादरपोशी के साथ ही उर्स ए मुबारक अपने अव्वल वक़्त में पहुंच गया। फिर उसके बाद तमाम लोगों ने मज़ार ओर चादर चढ़ाया और फ़ातिहा ख़्वानी की।

इस मुबारक मौके पर लाखों ज़ायरीनों में अधिकांश हिन्दू धर्म के ज़ायरीन शिरकत करते हैं। इसीलिए गंगा जमुनी तहज़ीब की रिवायत को अमलीजामा पहनाने के लिए कमेटी दर्जनों देग में वेज बिरयानी बनवाकर तबर्रूक के मद्देनजर रखते हुए तक़सीम करती है। बाबा के इस दर पर उर्स मुबारक के मौके पर लाखों लोग शिरकत करते हैं। उर्स कमेटी का इंतेज़ाम ऐसा है कि कोई यहां से भूखा प्यासा नहीं जाता। सभी को कमेटी की तरफ से खाने पीने का उम्दा इंतेज़ाम किया जाता है। कमेटी की तरफ से मेडिकल चेकअप कैम्प भी लगाया जाता है। एक युवक सेल्फ़ी के दौरान गड्ढे में गिरने से उसे कमर में फ्रैक्चर हो गया जिसे एम्बुलेंस से सदर मुश्ताक़ खान और कमेटी के अन्य सदस्यों ने उठाकर किले से नीचे उतारकर एम्बुलेंस से सदर अस्पताल लोढ़ी भेजा। भीषण गर्मी में इतना बड़ा जलसा करना वाकई काबिले तारीफ़ है। एक दिन के इस उर्स का इंतेज़ाम दो तीन महीने पहले से ही शुरू हो जाता है।बहरहाल बाबा मिरान शाह के रहम ओ करम से इस बियाबान वीराने में भी बहार ए चाँदनी जलवागर है। उर्स के इस मुबारक मौके पर अज़हर भाई, रिज़वान, राजू भाई, तारिक़ खान सिप्पू, प्यारे भाई, अरसद क़ादरी, दानिश, तनवीर खान, सोनू, चाँद, गुलाम यासीन, विष्णु सोनी, अंशु गुप्ता, मिंटू, पिंटू,एजाज़, वारिस अली आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Pramod Gupta
Author: Pramod Gupta

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