June 25, 2025 4:25 am

जनचर्चा में जरहा वनरेंज सुरक्षा खाई के नाम पर लाखों का घोटाला

बीजपुर/ सोनभद्र (विनोद गुप्ता) जरहा वन रेंज क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर जंगल और जंगल की जमीन को सुरक्षित रखने के लिए खोदी जा रही सुरक्षा खाई में बड़े पैमाने पर कागजी हेरफेर कर घोटाला करने की जनचर्चा चट्टी चौराहे पर जोर पकड़ रही है। सूत्रों पर भरोसा करें तो सेवकामोड के पास और रजमिलान के दनुआ जंगल मे जरहा नेमना वार्डर पर जरहा के ही इमिलीडॉड में कई हेक्टेयर जमीन पर जेसीबी मशीन से सुरक्षा खाई खुदाई में फर्जी बाड़े के साथ अपने चहेतों का बैंक एकाउंट लगा कर नाजायज भुगतान करा लेने की चर्चा से विभाग के क्रिया कलाप और पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय एक्सपर्ट टीम द्वारा अनुमानित तय स्टीमेट 120 रुपए मीटर के बावजूद मानक के विपरीत खुदाई कराई गई लेकिन खुदाई मशीन का भुगतान स्टीमेट रेट की अपेक्षा लगभग 28 से 30 रुपए की दरपर भुगतान करके लाखों रुपए सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया। बताया जाता है कि जरहा वनरेंज क्षेत्र में खोदी गयी सुरक्षा खाई की अगर किसी स्वतंत्र एजेंसी से सरकार निष्पक्ष जांच कराए तो करोड़ों रुपए के फेराफेरी और बड़े घोटाले का राज सामने आयेगा और कईयों की गर्दन फंस सकती है। जनचर्चा पर गौरकरें तो जिस बैंक एकाउंट में फ़ंड ट्रांसफर कराया गया उससे इस खुदाई और जेसीवी मशीन से कोई लेना देना नही है। सम्पूर्ण सुरक्षा खाई की खुदाई में लगभग 28 से 30 रुपए मीटर की दर से भुगतान किया गया और लगभग 120 रुपए स्वीकृत दर से सरकारी धन ट्रांसफ़र करा लिया गया। बताया तो यहाँ तक जा रहा है कि अपने सुभचिंतको तथा जंगल क्षेत्र में अबैध खनन परिवहन सहित वन संपदा का दोहन कराने वाले कुछ कतिपय लोगों की मशीन का उपयोग कर यारी दोस्ती में काम करा लिया गया और विभागीय रेट से अपने चहेतों के एकाउंट में पेमेंट करा कर मोटी रकम हजम कर ली गयी। सूत्र बताते है कि इसी तरह रजमिलान गाँव के दनुआ जरहा के इमिलीडॉड में सुरक्षा खाई के नाम पर वन कर्मियों ने पिछले वित्तीय वर्ष मार्च के अंत मे सम्पूर्ण भुगतान तो करा लिया लेकिन मौके पर कहीं सुरक्षा खाई ही नही है तो कहीं अब खुदाई का काम शुरू किया गया है।सरकारी नियमों को ताख पर रखकर बगैर अखबारों में गजट और टेंडर प्रक्रिया कराए करोड़ों रुपए का काम केवल बेंडर कोड की कागजी खाना पूर्ति पर दो तीन अपने चहेतों के नाम खेले गए इस गोलमाल के खेल की एक आरटीआई कार्यकर्ता ने बिंदुवार सूचना के लिए पत्र भी भेजा है। रेंजर जरहा आर के मौर्या से जब इस बाबत जानकारी माँगी गयी तो वे हड़बड़ा गए और दोपहर में मिलकर बताने का बहाना बता कर टाल गए और फोन कट कर गए।

Pramod Gupta
Author: Pramod Gupta

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