सोनभद्र/ सरकार के जीरो टॉलरेंस की लगातार दावों के बाद भी ग्राम्य विकास विभाग में मनमानी रुकने का नाम नही ले रही हैं। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य में पारदर्शिता के लिए सरकार द्वारा हर साल निविदा प्रकाशन के माध्यम से खुली बैठक में सप्लायर तय करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन विभागीय आदेश-निर्देश का दुद्धी ब्लॉक के सचिवों पर कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा हैं। हद तो तब हो गई जब कुछ सचिवों ने प्रातः कालीन अख़बार को छोड़कर सांध्य कालीन अख़बार में अल्प कालीन निविदा प्रकाशन कराकर निविदा की प्रक्रिया पूर्ण कर ली या तो पूर्ण करने के फिराक में हैं। लोगों का कहना हैं कि दुद्धी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं ऐसे में यहां आखिर किस आधार पर रात के अख़बार में निविदा प्रकाशन करायी गई ? यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ हैं। जबकि सूत्रों की माने तो संबंधित सचिव अपने चहेते को टेंडर देने के लिए सांध्य प्रकाशन वाले अख़बार में निविदा छपवाकर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली, जो एक सवालिया निशान? बता दें कि सरकार ने ग्राम पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सभी कार्यों को फर्म के माध्यम से कराने की प्रक्रिया शुरू की ताकि ग्राम पंचायत की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके और सरकारी धन की बंदरबाँट न की जा सके लेकिन सरकार के कदम से एक कदम आगे निकलते हुए ग्राम पंचायत सचिवों ने फर्म से ही सेटिंग करनी शुरू कर दी और इसके लिए निविदा प्रकाशन से टेंडर खोलने तक में घाल-मेल करके अपने चहेते को सप्लायर बनाकर खेल कर रहे हैं। लोगों ने दुद्धी ब्लॉक के ग्राम पंचायत सचिवों की मनमानी की जाँच की मांग की हैं।
