बीजपुर/ सोनभद्र (विनोद गुप्त) खंड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर द्वारा 4 महीने से कंपोजिट विद्यालय बीजपुर में बुने गए मायाजाल का असर अब विद्यालय के छात्र भी झेलने लगे है। नए सत्र प्रारंभ होने के दो हफ्ते बाद तक भी प्रधानाध्यापक विहीन चल रहे विद्यालय में न तो कोई नया एडमिशन करने वाला है न ही बच्चों को रिजल्ट और टीसी देने वाला जिसके कारण बच्चे और अभिभावक अब दर बदर भटक रहे हैं। लगभग 4 महीने से चल रहे मामले को लेकर अब बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्णय पर भी सवाल उठने लगा हैं।गुरुवार को स्कूल पहुंचे छात्र छात्राओं अमृता गायत्री ज्योति काजल डिंपल सुहाना नंदिनी दीपक अनुराग ऋतिक अखिल के साथ अभिभावक उमेश चंद्र, भोला नाथ, राजेश, अयोध्या ने बताया की विद्यालय में रिजल्ट और टीसी देने के लिए कोई तैयार नहीं है। यहां के प्रधानाध्यापक को 4 महीने से निलंबित कर के रखा गया है वहीं 4 शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों पर भेज दिया गया है 2 शिक्षिकाओं को सीसीएल छुट्टी दे दिया गया है। अभिवावकों ने कहा की उन्हें अपने बच्चों का नाम दूसरे विद्यालय में लिखाना है लेकिन कोई टीसी नहीं दे रहा है बच्चों का भविष्य और पढ़ाई दोनों बर्बाद हो रहा है।
यह है पूरा प्रकरण
बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकुल आनन्द पांडेय द्वारा 19 दिसंबर को कम्पोजिट विद्यालय का जांच कर प्रभारी प्रधानाध्यापक आशारानी को 2 दिसंबर को निलंबित कर नेमना के बिद्यालय भेज दिया गया जिसके बाद आज तक बीईओ विश्वजीत कुमार द्वारा किसी को प्रभारी प्रधानाध्यापक नहीं बनाया गया जिसकी वजह से विद्यालय की पूरी व्यवस्थाएं तहस नहस हो गई।बताया जाता है की शिक्षकों के न होने से पढ़ाई शून्य हो जाने के कारण अब बच्चे अभिभावक टीसी मांग रहे हैं लेकिन टीसी देने वाला भी कोई नहीं है। विद्यालय में नए नामांकन भी जीरो है। इतने अच्छे ढंग से चल रहे विद्यालय को बीईओ द्वारा निलंबन और प्रभार का विवाद खड़ा कर राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया बच्चों का हित अब प्रभावित होने से अभिभावक विरोध प्रदर्शन हेतु बाध्य हो चुके हैं।
भाजपा कार्यकर्ता भी कर चुके हैं बीईओ को निलंबित करने की मांग
सत्ताधारी पार्टी कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री सांसद विधायक पार्टी जिलाध्यक्ष को पत्र दे कर बीईओ के निलंबित किए जाने की माग कई बार की गयी पार्टी कार्यकर्ता ईश्वरी प्रसाद सुधीर पांडे उमेश कुमार ने कहा की एबीएसए ब्लाक क्षेत्र के स्कूलों में राजनीति करते हैं उनके द्वारा महिला शिक्षिकाओ का सहारा ले कर पार्टी कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाने का प्रयास भी किया जा चुका है। बीईओ ने शिक्षा क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।
ग्राम प्रधान और विद्यालय कार्मिकों का कूट रचित बयान तैयार कर एबीएसए ने खेला खेल
मामले में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विश्राम सागर गुप्ता ने बताया कि एबीएसए ने फर्जी जांच आख्या और संस्तुति के आधार पर 4 शिक्षकों को विद्यालय से हटाया है।कहा कि विद्यालय के कार्मिकों का कूटरचित बयान और प्रस्ताव डाल कर बीएसए को गलत तथ्य की जानकारी दे कर विद्यालय के माहौल को खराब बता कर राजनीति की गई है। प्रधान प्रतिनिधि ने कहा कि वह कई बार एबीएसए से शिक्षकों को वापस करने के लिये बोले लेकिन टाल मटोल कर रहे हैं।कहा कि फर्जी जॉच आख्या लगाने की शिकायत भी उच्चाधिकारियों तक किया गया लेकिन छात्र हित की किसी को परवाह नहीं सब मस्त है।
संकूल शिक्षक है पूरे विवाद की जड़
भाजपा कार्यकर्ता सुधीर पांडे ने कहा की कंपोजिट विद्यालय बीजपुर में कार्यरत संकूल शिक्षक देव नारायण पूरे मामले की जड़ है एबीएसए के साथ मिल कर षडयंत्र की पूरी कहानी उसी ने लिखी है।
