– संविधान ही संजीवनी है और संविधान ही ढाल है- अविनाश कुशवाहा
सोनभद्र। आज समाजवादी पार्टी कार्यालय पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सादर नमन एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष राम निहोर यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए काम करना ही बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि जो लोग बाबा साहब को नहीं मानते हैं, वे संविधान और लोकतंत्र को भी नहीं मानते हैं और सदियों से शोषण करते आ रहे हैं।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा ने कहा कि बाबा साहब की देन व धरोहर संविधान और आरक्षण बचाने के लिए पीडीए के आंदोलन को नई ताकत प्रदान करनी होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की संजीवनी है और संविधान ही ढाल है, और जब तक संविधान सुरक्षित रहेगा, पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी। डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन और कार्यों को देखते हुए, उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त असमानता, भेदभाव और अछूतों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनके कुछ प्रमुख योगदानों में शामिल हैं।
अस्पृश्यता के खिलाफ संघर्ष- अंबेडकर ने भारतीय समाज में फैली अस्पृश्यता के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई और इसके उन्मूलन के लिए जीवनभर संघर्ष किया।
शिक्षा का प्रचार- अंबेडकर ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे महत्वपूर्ण साधन माना और समाज के सभी वर्गों को शिक्षा प्राप्त करने की प्रेरणा दी।
महिला अधिकारों की सुरक्षा- अंबेडकर ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया और भारतीय महिला कोड को पारित करने के लिए काम किया।
भारतीय संविधान के निर्माता- अंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिन्होंने बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए काम करने का संकल्प लिया।

Author: Pramod Gupta
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