सोनभद्र/ रॉबर्ट्सगंज (विशाल टंडन) स्थानीय गुरुद्वारा राबर्टसगंज में खालसा जन्म उत्सव समारोह (बैसाखी गुरुपर्व) बड़े उत्साह व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। गुरुद्वारा को झालरों व फूल माला से सजाया गया। साथ ही तीन दिवसीय श्री अखण्ड पाठ की समाप्ती हुई। भाई सुरजन सिंह, दया सिंह द्वारा गुरुवाणी का गायन किया गया।
इस अवसर पर विशेष रूप से आये कथा वाचक ज्ञानी हरविन्दर सिंह द्वारा खालसा जन्मोत्सव के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया की औरंगजेब द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर का कत्ल करवाया गया। उन्होंने धर्म की रक्षा हेतु शहीद होना पसन्द किया, धर्म परिवर्तन नहीं किया। ऐसे समय में श्री गुरु गोबिन्द सिंह ने 1699 में खालसा पन्थ की स्थापना की। उन्होंने पुरुषों को अपने नाम के साथ सिंह तथा महिलाओं को कौर लगाने के लिये कहा। इसके साथ ही पांच विभिन्न स्थानों, पांच विभिन्न जातियों के पांच लोगों को अमृत पान करवा कर पांच प्यारों का नाम भी दिया। साथ ही पांच ककार केश, कंघा, कृपाण, कड़ा व कच्छा पहनने का आदेश दिया। इस प्रकार खालसा पन्थ की स्थापना करके एक ऐसी कौम पैदा की जो दूर से ही पहचान में आये व जाति पाति को भी दूर किया। अध्यक्ष जसवीर सिंह ने बताया की इस समय किसानों की नई फसल भी कट कर आती है व किसान ईश्वर को धन्यवाद देता है। इसी बैसाखी वाले ही दिन जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण आन्दोलन करने वाले लगभग आठ सौ सिखों पंजाबीयों पर अंग्रेज जनरल ओडवायर ने गोलियां चलवाई। सभी पंजाबी वहां शहीद हो गये। बैसाखी इसलिये भी याद रहेगी। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद प्रसाद व लंगर का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रनजीत सिंह, बलविन्दर सिंह, अजीत सिंह भण्डारी, देवेन्द्र सिंह, दया सिंह, मनजीत सिंह, जसपाल सिंह, पारब्रहम सिंह, चरनजीत सिंह भण्डारी, सन्तोष सिंह, मनमीत सिंह, गुरप्रीत सिंह,गोल्डी, सोनू, प्रितपाल सिंह,कमलेश सिंह खम्बे आदि ने सहयोग किया।

Author: Pramod Gupta
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