सोनभद्र। जिले में प्राइवेट शिक्षा माफियाओं के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर जिलाधिकारी बीएन सिंह के निर्देशन में जिला विद्यालय निरीक्षक जयराम सिंह और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकुल आनंद पांडेय ने विभिन्न प्राइवेट विद्यालयों और कापी-किताब की दुकानों पर जांच की। जांच के दौरान यूनिवर्सल बुक डिपो में संदिग्ध मामले पाए जाने पर उसे बंद करा दिया गया। निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया गया की आरटीई के तहत चयनित बच्चों का प्रवेश अनिवार्य रूप से किया जाए। वर्ष 2024-25 और 2025-26 में शुल्क का अंतर शून्य किया जाए। एनसीईआरटी की निर्धारित पाठ्य-पुस्तकों से ही पठन-पाठन कराया जाए। अन्य पाठ्य-पुस्तकों के लिए छात्रों और अभिभावकों पर दबाव नहीं डाला जाएगा।
अभिभावक और छात्र अपनी इच्छा से किसी भी दुकान से पाठ्य-पुस्तक खरीद सकते हैं। किसी विशेष दुकान से पुस्तक लेने की बाध्यता नहीं होगी। दिव्यांग छात्रों को पीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 के तहत प्रवेश और पूर्ण शिक्षण योजना सुनिश्चित की जाए। प्रवेश शुल्क, सिक्योरिटी मनी और रजिस्ट्रेशन शुल्क केवल एक बार ही लिया जाए। टीसी निर्गत करते समय पंजीकरण शुल्क छोड़कर वापस करना होगा। विद्यालय में वाहन से आने वाले छात्रों के लिए एक सहचालक वाहन में अवश्य रहना होगा। वाहन चालक का चिकित्सीय परीक्षण और विद्यालय वाहन का समय-समय पर फिटनेस अवश्य कराया जाए। छात्रों के आकस्मिक चिकित्सीय उपचार के लिए फर्स्ट ऐड की व्यवस्था कराई जाए। मानक के अनुसार अग्निशमन यंत्र स्थापित और उनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए। आपदा प्रबंधन समिति का गठन विद्यालय स्तर पर करा लिया जाए। इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और अनुपालन आख्या तीन कार्य दिवस के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
