बीजपुर/सोनभद्र (विनोद गुप्त)सोनभद्र में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और शोषण के विरुद्ध उठी आवाज अब धीरे धीरे छोटे छोटे कस्बे मुहल्ले और नगरों तक पहुंचने लगी है। एडमिशन फीस से ले कर कापी किताब की बिक्री में प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा मचाई गई लूटपाट और सिस्टेमेटिक डकैती को ले कर शासन प्रशासन के मौन साधना को लेकर अभिभावकों का आक्रोश सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हो रहा है।बीजपुर के एनटीपीसी रिंहद कैंपस के सेंट जोसेफ स्कूल के एक अभिभावक ने बताया की कक्षा 4 में पढ़ने वाले बच्चे की किताबें लगभग सात हजार रुपए में मिल रही हैं स्कूल संचालक द्वारा कैलाश मान सरोवर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के एक दुकान दार के पास प्राइवेट पब्लिकेशन की महंगी किताबों को डंप करा कर उससे मनमानी दामों पर बिक्री कराया जा रहा है।बताया जा रहा है की स्कूल के प्रिंसिपल का कॉपी किताब बेचने के उक्त धंधे में बड़ी हिस्सेदारी रहती है।गौरतलब हो कि अच्छी शिक्षा देने के नाम पर अभिभावकों से फीस के अलावा किताबों से भी अच्छी कमाई करने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा एनसीईआरटी की सस्ती किताबों को खराब बता कर प्राइवेट पब्लिकेशन की महंगी किताबों को खरीदने पर मजबुर किया जा रहा है।उक्त स्कूल प्रबन्धन की देखा देखी बीजपुर,जरहा, पिंडारी,बखरीहवा,म्योरपुर तथा क्षेत्र के गाँव गाँव मे संचालित स्कूल प्रबंधन शिक्षा के नाम पर खुलेआम लूट खसोट और शोषण का अड्डा बना लिए है।अधिकांश प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा महंगी किताब कॉपी और स्कूल ड्रेस की बिक्री अपने पास से या फिर अपने नियंत्रण वाले दुकानों से करने में लगे है।बेतहासा फीस बृद्धि को लेकर अभिभावकों का कहना है की पहले स्कूल चलाना और शिक्षा देना पुनीत कार्य माना जाता था लेकिन अब इसे पैसा कमाने और अभिवावकों छात्रों के पैसों पर डकैती डालने का सिस्टेमेटिक धंधा बना लिया गया है।मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त के मामलों में उलझे शिक्षा विभाग को इन सब मामलों की भी गंभीरता से जाँच करना चाहिए जिससे आम जन के बच्चों को सस्ती सुलभ शिक्षा मील सके और सरकार के नई शिक्षा नीति का कड़ाई से पालन हो पाए।
