सोनभद्र (विशाल टंडन) रॉबर्ट्सगंज नगर स्थित एक निजी होटल में होम्योपैथिक के जनक डॉ सैमुअल हैनीमैन का 270 वॉ जन्मदिवस,विश्व होम्योपैथिक दिवस के रूप में मनाया गया। गुरुवार की शाम एचएमएआई के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ एसपीएम त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ राजमोहन पांडेय, डॉ अमरनाथ पांडेय एवं डॉ आनंद नारायण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा डॉ सैमुअल हैनीमैन के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। मुख्य अतिथि डॉ एसपीएम त्रिपाठी ने डॉ हैनीमैन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ सैमुअल हैनीमैन एक जर्मन चिकित्सक थे, जिन्होंने होम्योपैथी की स्थापना की। उनका जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था। हैनीमैन ने अपने जीवनकाल में चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और होम्योपैथी को एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में विकसित किया। डॉ राजमोहन पांडेय ने कहा की होम्योपैथी की मुख्य अवधारणा यह है कि “सिमिलिया सिमिलिबस क्योरेन्टर” यानी कि जो चीज जिस बीमारी का कारण बनती है, वही चीज उसके इलाज के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। हैनीमैन ने अपने शोध और प्रयोगों के माध्यम से होम्योपैथी के सिद्धांतों को विकसित किया और इसे एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित किया।
डॉ आनन्द नारायण ने कहा कि होम्योपैथी के अलावा, हैनीमैन ने चिकित्सा के क्षेत्र में कई अन्य योगदान दिए, जिनमें से एक है ऑर्गनन ऑफ रेशनल हीलिंग नामक पुस्तक का लेखन। इस पुस्तक में उन्होंने चिकित्सा के सिद्धांतों और तरीकों को विस्तार से बताया है और उन्होंने कृत्रिम अंगों का भी निर्माण किया।
इस अवसर पर होम्योपैथिक विधा से जन जन को लाभ पहुंचाते हुए देश में गरीबों और दुखी मरीजों की सेवा करने का उपस्थित होम्योपैथिक डॉक्टरों ने संकल्प लिया।

Author: Pramod Gupta
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