मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायतों को एडीओ पंचायत फर्जी लगारहे आख्या सोनभद्र/ विकास खंड नगवां के ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार को एडीओ पंचायत का खुला संरक्षण जिस पंचायत सचिव को अपने ग्राम पंचायत नहीं जाने ब्लॉक में बैठे ही कागजी खानापूर्ति करने और विकास कार्यों में सरकारी धन का बंदरबांट भ्रष्टाचार की शिकायतें ग्रामीणों द्वारा की गई थी। जिसको मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई जांच हेतु सहायक विकास अधिकारी को जांच मिली और सहायक विकास अधिकारी ने उसी ग्राम पंचायत सचिव को जांच की जिम्मेदारी दे दी जिसकी शिकायत की गई है।
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एडीओ पंचायत के इस अजीबो गरीब फैसले की चर्चा जोरों से चल रही है सरकार के जीरो टार्लेंस की नीति की धज्जियां उड़ाते एडीओ पंचायत ने भ्रष्ट ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों को खुला संरक्षण दे रखा है।
सूत्रों ने बताया कि एडीओ पंचायत जांच के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर अपनी जेबें भरने का काम कर रहे हैं जब भी कोई शिकायत कर्ता किसी ग्राम पंचायत की जांच के लिए शिकायती पत्र देता है तो बड़े अधिकारी जांच करने से बचते है और सहायक विकास अधिकारी को जांच का जिम्मा सौप कर अपना पल्ला झाड़ लेते है इसके बाद इस प्रकार के जांच का पूरा फायदा अपने निजी लाभ के लिए एडीओ पंचायत द्वारा किया जाता है। जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सरकारी धन के बंदरबांट करने वाले पंचायत सचिवों ग्राम प्रधानों पर इतने मेहरबान है एडीओ पंचायत की शिकायत करने वाले से ही साक्ष्य मांगते है उनका कहना है कि अगर ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार हुआ है तो आप साक्ष्य प्रस्तुत करें जबकि ग्राम पंचायतों के सारे अभिलेख रिकार्ड उनके ब्लॉक में ही मौजूद है बावजूद इसके एडीओ पंचायत का शिकायत कर्ता से साक्ष्य मांगना समझ से परे है।
इस संबंध में जब जिला पंचायत राज अधिकारी से वार्ता करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
