सोनभद्र। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय एव राष्ट्रवादी छात्र संगठन ने विद्यार्थीयो एवं शिक्षा हितों के साथ-साथ देश व समाज में चल रहे प्रत्येक समसामयिक विषयों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करती है इसी क्रम में जनपद में प्राइवेट स्कूल द्वारा हर वर्ष तय मानक के विपरीत शुल्क वृद्धि व हर वर्ष एडमिशन के नाम पर प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है व विद्यालय प्रबंधन द्वारा तय पुस्तक विक्रेता से किताबे खरीदने का दबाव बना रहे है. अभिभावकों और छात्रों को भी मजबूरी में वहीं से किताबें खरीदनी पड़ रही है। एबीवीपी की मांग है कि अभिभावकों और छात्रों को स्वतंत्र रूप से किसी भी पुस्तक विक्रेता से पुस्तके खरीदने की छूट दी जाए।
इसके अलावा यूनिफॉर्म के लिए भी छात्रों और उनके अभिभावकों को इसी तरह मजबूर किया जा रहा है। एबीवीपी का आरोप है कि निजी कमीशन खोरी के चक्कर में अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
पहले निजी स्कूलों में आरटीई यानी शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब बच्चों के पढ़ने की योजना थी। लेकिन अधिकतर स्कूलों ने इस प्रक्रिया को खत्म कर दिया है। ऐसे में गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। डी.पी.एस.एस स्कूल, सन्त जोसफ कान्वेंट स्कूल, स्वामी हरसेवानद पब्लिक स्कूल, डी ए वी पब्लिक स्कूल, संत भगवानंद पब्लिक स्कूल, सनबीम स्कूल, श्री अकैडमी, संत कीनाराम इंटर कॉलेज प्रमुख रूप से कुछ सी बी एस सी के कुछ विद्यालय है इन सभी विषयों को गंभीरता पूर्वक ध्यान में रखते हुए उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है।

Author: Pramod Gupta
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