बीजपुर/ सोनभद्र (विनोद गुप्त) पुनर्वास प्रथम स्थित दुदहिया मंदिर प्रांगण में श्रीराम कथा के पाँचवे दिन श्री राम के बचपन का प्रसंग सुनकर श्रोता भक्तगण हर्षित हो गए। अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक राममोहन दास रामायणी महाराज ने बताया कि जब भगवान राम का जन्म हो गया तो भगवान शंकर को उमके दर्शन की लालसा जग गई तब भगवान शंकर ने मदारी का रूप पकड़ काकभुशुण्डि के साथ बन्दर लेकर उन्हें देखने अयोध्या गए लेकिन उनका दर्शन नही हो पाया तो भगवान शंकर पुनः ज्योतिषी बनकर काकभुशुण्डि के साथ गए तो भगवान के दर्शन हुए। श्रीराम कथा के पाचवे दिन कथा वाचक श्री रामायणी महाराज ने भगवान राम के बाल्य लीला के सुंदर वर्णन और एक से बढ़कर एक भजन मिल जाओ राम तरस गई अँखियाँ बदरा जैसी बरस गई अँखिया हरिजी मोरी लगी लगन मत तोड़ना सुनाकर भक्तो को मनमुग्ध कर दिया। इस मौके पर महन्त मदन गोपाल दास,प्रभारी निरीक्षक बीजपुर आखिर मिश्रा, अनिल कुमार वर्मा,ईश्वरी प्रसाद,रोहित सिंह बघेल,सचिन सिंह,योगेंद्र चौबे ,सुनील तिवारी, सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष एवं बच्चे कथा का श्रवण कर पुण्य के भागीदार बने।

Author: Pramod Gupta
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