बीजपुर (सोनभद्र) जरहा वनरेंज क्षेत्र के ठुरुक्क़ी नदी से रिहंद जलाशय तक अबैध बालू खनन बेलगाम हो गया है। अधिकारिकायों से जानकारी लेने पर जिम्मेदार मौन साध लेते हैं। कोई बीट वन दरोगा को जिम्मेदार बता रहा है तो कुछ लोग खनन विभाग का मामला बता कर पल्ला झाड़ रहे हैं। वनाधिकारी कहते हैं कि जब जंगल के रास्ते या फिर जंगल मे खनन होगा तब हम कार्रवाई करेगें। जनचर्चा पर गौरकरें तो जब अखबारों में खबर छपती है तब दिखावे के लिए एक ट्रैक्टर पकड़ कर कागजी कोरम पूरा कर एक दो दिन बच के चलने के निर्देश देकर मामला ठंडा कर फिर धुंआधार खुलेआम खनन कराया जाता है। सूत्रों पर भरोसा करें तो क्षेत्र के ठुरुक्की नदी जरहा के अजीर नदी बिच्छी नदी बघाडू रिहंद जलाशय लीलादेवा अंजीर नदी खम्हरिया और महरिकला रिहन्द जलाशय महुली रजमिलान समर लोटवा डिघुल अंजीर नीमडॉड सहित 22 स्थानों से लगभग 50 से 60 ट्रैक्टर और टीपर वन विभाग के दो दरोगा और कुछ वन रक्षकों की मिली भगत से 15 हजार रुपए महीना प्रति ट्रैक्टर धड़ल्ले से बालू खनन कर बन्दरबाँट के जरीए जेब भरी जा रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो जरहा और इंजानी वन बीट में तैनात वन दरोगा सहित कर्मियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। डीएफओ रेणुकोट भानेन्द्र सिंह ने कहा उड़ाका दल टीम लगाई गई है एक दो दिन हम खुद रात में दौरा करेंगे मार्च बाद कुछ स्टॉप हटाए जायेगें तभी वहां खनन पर अंकुश लगेगा।

Author: Pramod Gupta
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