बीजपुर (सोनभद्र) शिक्षा क्षेत्र म्योरपुर में लूट खसोट का खेल बदस्तूर जारी है अपने चहेते संकुल शिक्षक के साथ एबीएसए म्योरपुर द्वारा मिल कर खेले गए खेल की परते अब धीरे धीरे खुलती जा रही हैं। ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत कंपोजिट विद्यालय बीजपुर की प्रभारी प्रधानाध्यापक आशारानी को साजिशन निलंबित करा कर अपने चहेते को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाने के लिए और उपस्थिति पंजिका में हाजिरी बढ़ाने के लिए शिक्षकों तक को दूसरे स्कूल में फेक दिए जाने की चेतावनी क्यों दी गई अब इसका खुलासा होने लगा है।मंगलवार को विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद होने की स्थिति आ जाने के बाद ग्राम प्रधान और विद्यालय की यसएमसी अध्यक्ष ने पूरे मामले की जानकारी और निगरानी करना प्रारम्भ कर दिया है। बताया जा रहा है कि पूर्व प्रधानाध्यापक आशारानी के निलंबित करने के बाद एबीएसए द्वारा संकूल शिक्षक को प्रधानाध्यापक बना कर विद्यालय संचालन कराया गया।
संकूल शिक्षक द्वारा 18 जनवरी से 24 फरवरी तक में बच्चों के रजिस्ट्रेशन संख्या को शत प्रतिशत छूते हुए सर्वाधिक 85 से 90 प्रतिशत तक बच्चों की हाजिरी एमडीएम पंजिका और एमडीएम कॉल में भरा गया। विद्यालय के टीचर बच्चों की उपस्थिति पंजिका पर भी फर्जी हाजिरी लगाए इसका दबाव बनवाने के लिए संकूल शिक्षक द्वारा 14 फरवरी को एबीएसए को विद्यालय में बुला कर पहले चेतावनी फिर 15 फरवरी को नोटिस दिलवाया गया। बताया जाता है की एबीएसए संकूल शिक्षक के साथ मिल कर एमडीएम के धन की बंदरबाट के लिए फल बटने वाले सोमवार के दिन सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा करते हुए एमडीएम पंजिका पर संख्या बढ़ा कर हाजिरी भरी गयी।मंगलवार को विद्यालय पहुंचे अभिभावकों ने बताया कि जिस फल दुकान से विद्यालय में फल लाया जाता है उसके रजिस्टर और विद्यालय के एमडीएम पंजिका में बच्चों की संख्या में जमीन आसमान का अन्तर है। फल दुकान के मालिक ने बताया कि विद्यालय से जितना कहा जाता है उतना केला भेजा जाता है हाजिरी कितनी भरी जाती है यह विद्यालय के मास्टर ही जानेंगे। स्कूल के बच्चों के निवाले पर अधिकारियों के साथ मिल कर डाका डालने के इस मामले में विद्यालय के कौन कौन टीचर शामिल हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए। इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विश्राम गुप्ता ने बताया की मामले की जानकारी मिली है इस बारे में शिक्षकों से भी जानकारी लूंगा। वहीं एसएमसी अध्यक्ष सुधा देवी ने कहा की शासन स्तर से मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए नहीं तो सरकारी स्कूल से लोगों का विश्वास उठ जाएगा।

Author: Pramod Gupta
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