सोनभद्र। पर्वों के सीजन में मिठाई की दुकानों पर जहां ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है, वहीं मिष्ठान विक्रेता नियमों को दरकिनार कर उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।जनपद सोनभद्र क्षेत्र सहित नगर व ग्रामीण क्षेत्रों की मिठाई दुकानों पर न तो मिठाइयों की एक्सपायरी डेट लिखी जा रही है और न ही उत्पादन की तिथि का उल्लेख किया जा रहा है।एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के 1 अक्टूबर 2020 से लागू नियम के अनुसार, मिठाई विक्रेताओं को हर मिठाई की ट्रे पर निर्माण और समाप्ति तिथि अंकित करनी होती है। साथ ही पैकेटबंद मिठाइयों पर भी यह जानकारी देना अनिवार्य है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जिले के अधिकांश प्रतिष्ठानों में इस नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। स्थानीय दुकानों पर मिठाइयों को खुले में, बिना ढंके और बिना किसी विवरण के बेचने का सिलसिला धड़ल्ले से जारी है। उपभोक्ताओं को न तो मिठाई की गुणवत्ता की जानकारी मिलती है, और न ही यह स्पष्ट होता है कि वह मिठाई ताजी है या बासी। दुकानदार आमतौर पर एक्सपायरी की बजाय केवल ग्राहक की सूंघने-चखने की क्षमता पर भरोसा करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि मिठाई के साथ पांच रुपये कीमत वाले डब्बे भी मिठाई के साथ तौले जा रहे हैं, जिससे मिठाई की कीमत 500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जा रही है, जो उपभोक्ता के साथ सीधा आर्थिक छल है। खाद्य सुरक्षा विभाग इस सबके बावजूद मौन साधे हुए है, जबकि इन खामियों पर कार्यवाही आवश्यक है। खासकर त्योहारों के मौके पर जब मिठाई की मांग अत्यधिक होती है, उस समय गुणवत्ता नियंत्रण और निरीक्षण और भी जरूरी हो जाता है। जनता की मांग है कि संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान दे, निरीक्षण अभियान चलाए और नियमों का पालन न करने वाले मिष्ठान भंडारों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।

Author: Pramod Gupta
Hello