बीजपुर/ सोनभद्र (विनोद गुप्त) जरहा वन रेंज क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर जंगल जमीन नदी नाले को अबैध धनउगाही और अपने लूट का अड्डा बना चुके चर्चित वन दरोगा को यहाँ की मलाई मुँह लग गयी है।यही कारण है कि वन दरोगा की यहाँ दूसरी पोस्टिंग है।अतीत के आईने से देखा जाय तो 8 साल पहले जरहा गाँव के टोला चेतवा में एक गुर्जर परिवार को पहले 12 बीघा जंगल की जमीन पर कब्जा कराया गया बदले में मोटी रकम वसूली गयी बाद में जमीन से बेदखल कराने पहुँचे वन दरोगा से गुर्जर परिवार से जम कर मार पीट हुई दरोगा की बाइक तोड़ी गयी मामला यहाँ तक पहुचा की वनकर्मी जमीन तो खाली नही करा पाए हाँ दरोगा ने गुर्जर पर हरिजन एक्ट का मुकदमा जरूर कर दिया जिससे खफा तत्कालीन डीएफओ ने इनके विवादित क्रिया कलाप से खिन्न होकर दरोगा को अनपरा रेंज भेज दिया था।दूसरा मामला सेवकामोड के पास सड़क के उत्तर पटरी पर आरक्षित वन धारा 20 की करोड़ों रुपए की बेशकीमती वनभूमि को कौड़ियों के भाव चंद रुपए की लालच में कब्जा करा कर सरकार को जबरदस्त चुना लगाया गया जिसको खाली कराना प्रशासन के लिए चुनौती पूर्ण है।तीसरी घटना अभी महरिकला के टोला ठुनठुनिया पहाड़ी के पास अबैध खनन में संलिप्त ट्रैक्टर मालिक से 50 हजार रिश्वत मांगने के कारण फिर से वन दरोगा सुर्खियों आ गए है।इसी प्रकार महरिकला खम्हरिया के रिहंद जलाशय से खुलेआम अबैध बालू खनन हो या फिर पिण्डारी के बिच्छी नदी ठुरुक्की नदी से खनन परिवहन जगह जगह डंपिंग का मामला अथवा जंगल की खाली जमीन को कब्जा कराने की जनचर्चा वन दरोगा का पीछा नही छोड़ रहा है।अधिकारियों की जी हुजूरी कर दूसरी बार जरहा रेंज में तैनाती के बाद भी वन दरोगा ने जरहा वन रेंज को अपना चारागाह बना लिया है।फील हाल महरीकला में श्रमिकों से मारपीट और रिश्वत मांगने का मामला दुद्धि बिधायक विजय सिंह गोड़ के दरबार मे पहुँच गया है देखना होगा कि अधिकारी इनके विरुद्ध क्या कार्रवाई करते हैं।

Author: Pramod Gupta
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