October 15, 2025 10:06 pm

बाबा साहब ने हमेशा समानता न्याय और आत्म सम्मान के बारे में बात की- डॉक्टर धर्मवीर तिवारी

सोनभद्र। डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर वार्ड नंबर 18 के बूथ संख्या 28 पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. धर्मवीर तिवारी ने बाबा साहेब की चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने डॉ. अंबेडकर के जीवन और उनके योगदानों के बारे में चर्चा की, जिन्हें भारतीय संविधान के जनक के रूप में भी जाना जाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया और आजाद भारत के पहले कानून मंत्री बने। उनके कुछ प्रमुख योगदानों में शामिल हैं।
भारतीय संविधान का निर्माण- डॉ. अंबेडकर ने संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान किए गए।
हिंदू कोड बिल- इस बिल का उद्देश्य महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करना था, हालांकि यह बिल उस समय पारित नहीं हो सका।
सामाजिक सुधार- डॉ. अंबेडकर ने समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी और समानता, न्याय और आत्म- सम्मान की वकालत की।
शिक्षा– उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से डिग्री हासिल की। इस अवसर पर बूथ अध्यक्ष सत्यम सोनी, अखिलेश कश्यप, धर्मवीर त्यागी और अन्य कार्यकर्ताओं ने भी डॉ. भीमराव अंबेडकर को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

Pramod Gupta
Author: Pramod Gupta

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