दुद्धी/ सोनभद्र (राकेश गुप्ता) विश्व हिंदू महासंघ के तत्वाधान में श्री रामलीला मैदान पर श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक बाल व्यास मानस जी महाराज ने कथा के दौरान कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में जीवन का सार है। यह कथा जीवन का मर्म सिखाती है। इसमें ज्ञान, भक्ति और वैराग्य का अद्भुत संगम है। इसके श्रवण से मनुष्य को फल की प्राप्ति होती है। परीक्षित प्रसंग की चर्चा में उन्होंने कहा कि इस कथा के श्रवण से ईश्वर की निष्काम भक्ति सुलभ होती है। मनुष्य को कलिकाल के समस्त पाप, ताप और संताप से मुक्ति मिलती है। भागवत देने का नाम है आपके प्रेम ,भाव व स्नेह से ही भगवान प्रश्न होते है।मनुष्य के दुख को तो दूर करते ही है भागवत भगवान के प्रकोप में भागवत की शरण में आते है।पुत्र को गर्भ से ही ऐसे आचरण दिए जाए जो धर्म की रक्षा करे।बच्चो को ऐसा संस्कार दे कि मांस मदिरा का भक्षण ना करे ऐसे बालक एक दिन संपति को नष्ट कर देते है साथ ही धर्म नीति के बारे में भी बताया।

Author: Pramod Gupta
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