सोनभद्र। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, लेकिन जब यही स्तंभ सत्य बोलने के कारण हिलने लगे, तो सवाल सत्ता और सिस्टम दोनों पर उठता है। P9 भारत न्यूज़ के जांबाज़ रिपोर्टर ने सोनभद्र के सेन्ट पाल्स स्कूल, कोल्हुआ रामगढ़ की भारी अनियमितताओं का खुलासा किया- फीस की मनमानी, निजी प्रकाशन की किताबें, यूनिफॉर्म की जबरन बिक्री और अभिलेखों की अनुपलब्धता जैसी गंभीर गड़बड़ियाँ सामने आईं। शिक्षा विभाग की जांच में आरोप सही पाए गए और विद्यालय की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की गई। लेकिन अब सच दिखाने वाले पत्रकार को धमकियाँ दी जा रही हैं। विद्यालय प्रबंधक मिश्रा नामक व्यक्ति ने फोन पर पत्रकार को मानहानि का मुकदमा करने और फर्जी केस में फँसाने की धमकी दी है। यह पत्रकारिता पर सीधा हमला है- और इससे साफ झलकता है कि सच बोलना आज कितना खतरनाक हो चुका है। यूपी की योगी सरकार ने सदैव अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। ऐसे में यह मामला सरकार की साख से भी जुड़ गया है। क्योंकि जब किसी पत्रकार को सत्य दिखाने पर डराया जाए, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र की बेइज़्ज़ती है। अब जनता की नज़र इस बात पर है कि योगी सरकार ऐसे तत्वों पर कैसी कार्रवाई करती है जो पत्रकारों को धमकाकर सच्चाई दबाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इस मामले में कड़ी कार्यवाही नहीं हुई, तो यह संदेश जाएगा कि सत्ता के साए में सच बोलना गुनाह बन चुका है। पत्रकार डरा नहीं है, लेकिन सवाल ज़रूर कर रहा है- क्या सच बोलने की कीमत अब धमकी और डर है?
Author: Pramod Gupta
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