सोनभद्र/ दुद्धी (राकेश गुप्ता) आजादी के 78 वर्ष बाद भी दुद्धी में अंग्रेजों की धरोहर एक निशानी बन कर है जो आज की पीढ़ी को याद दिलाता है कि दुद्धी क्षेत्र में भी ब्रिटिश हुकूमत से अछूता नहीं था।इसकी जानकारी मिलने पर दुद्धी क्रिश्चियन चर्च स्थित ब्रिटिश जमाने का बना बैरक मिशनरी का सोमवार को समाधान दिवस के उपरांत जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा ने संयुक्तरूप से अवलोकन किया।इस दौरान डीएम और एसपी ने पास्टर मिथलेश मसीह एवं अभिषेक कुमार बाबा से इसके बारे में जानकारी ली तो बताया गया कि ब्रिटिश जमाने में वर्ष 1862 के दौरान प्रोटेस्टेंट समुदाय के लिए चर्च का निर्माण हुआ था जो अब धीरे– धीरे बेहतर स्थिति में है।इसी कैम्पस में 18 सदी के आसपास बना बैरक मिशनरी , जहां से चर्च ऑफ इंग्लैंड के दिशा निर्देश में दुद्धी स्टेट को गंडेबिया एक्ट के तहत गवर्न किया जाता था। साथ ही यहां ईसाई मिशनरी के लोग रहा करते थे।इस दौरान जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने पुरानी धरोहर बैरक मिशनरी के जीर्ण शीर्ण स्थिति को देखा जहां ईंटों की भस्सी से चुनाई कर मोटी दीवार बनाई गई है जिसकी ढलाई कीमती और मजबूत लकड़ियों के सहारे की गई थी जिसकी दीवार आज भी मजबूत है।दो फ्लोर में बने करीब आधा दर्जन कमरों एवं हाल के छत गिर चुके है। अवलोकन के दौरान हाकिमों ने अपने मोबाइल में फोटो भी कैद की।अधिकारियों ने पुराने डॉक्युमेंट्स भी मांगे है जिससे भविष्य में इसके बारे में कुछ विचार किया जा सके।लखनऊ डायोसियशन ट्रस्ट एसोसिएशन के डायरेक्टर सरफराज मशीह ने बताया कि बैरक मिशनरी की समय समय पर सफाई कराई जाती है इसके कायाकल्प के लिए शासन प्रशासन से पूर्व में पत्राचार किया गया था उस समय जमीन ट्रांसफर करने की बात कही गई थी।बतादे दुद्धी को आज भी स्टेट का दर्जा प्राप्त है और यहां स्टेट की प्रापर्टी भी खूब है।इस दौरान नगर पंचायत प्रतिनिधि देवेश मोहन साथ रहे।
